रेप के इन वीभत्स मामलों से दहल गया था देश

रेप और गैंगरेप (rape and gang rape) के आएदिन होने वाले मामलों पर देश उबल रहा है. हैदराबाद गैंगरेप (Hyderabad Gangrape) ने सबको सन्न कर दिया. लोगों के गुस्से का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि जब गैंगरेप के आरोपी पुलिस एनकाउंटर (police encounter) में मारे गए तो लोगों ने पुलिसकर्मियों पर फूल बरसाए. पूरे देश में जश्न मनाया गया. उन्नाव गैंगरेप की घटना पर भी पूरा देश सकते में है. अब लोग इस मामले के आरोपियों को हैदराबाद गैंगरेप के आरोपियों की तरह एनकाउंटर में मार दिए जाने की बात कर रहे हैं. पूरे देश में इन घटनाओं को लेकर जबरदस्त आक्रोश है.

पिछले कुछ वर्षों में रेप और गैंगरेप के कई वीभत्स मामले सामने आए हैं. कुछ चर्चित मामलों की बात करें तो नवंबर 1973 में अरुणा शानबाग रेप केस मामला काफी चर्चित रहा था. अरुणा शानबाग मुंबई के किंग एडवर्ड मेमोरियल हॉस्पिटल में नर्स थी. अरुणा शानबाग का हॉस्पिटल के ही एक वॉर्ड बॉय सोहनलाल भरथा वाल्मिकी ने बुरी तरह से रेप किया. रेप और हमले ने अरुणा शानबाग के दिमाग को गंभीर चोट पहुंचाई. अरुणा कोमा में चली गई. 42 साल तक कोमा में रहने के बाद 2015 में अरुणा शानबाग का निधन हो गया.

जब रेप और मर्डर के मामले में मिली थी फांसी
1990 में हुआ हेतल पारिख रेप केस मामला भी काफी चर्चित रहा था. कोलकाता में एक 14 साल की लड़की की रेप करके हत्या कर दी गई थी. मामले के आरोपी धनंजय चटर्जी को कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई. 2004 में धनंजय चटर्जी को फांसी पर लटका दिया गया. वो 13 साल में पहली फांसी थी.


 


रेप के मामलों पर महिलाओं का विरोध प्रदर्शन

1996 का प्रियदर्शिनी मट्टू केस भी सुर्खियों में रहा था. प्रियदर्शिनी मट्टू लॉ स्टूडेंट थी. मट्टू दिल्ली के अपने फ्लैट में मृत पाई गई थीं. बाद में पता चला कि उनके साथ रेप भी हुआ था. इस मामले में प्रियदर्शिनी मट्टू के दोस्त संतोष कुमार सिंह को आरोपी बनाया गया. पूर्व सीनियर पुलिस अधिकारी के बेटे संतोष कुमार सिंह को कोर्ट ने सबूतों के अभाव में बरी कर दिया.