हैदराबाद गैंगरेप और मर्डर (Hyderabad Gan) के चारों आरोपियों को पुलिस एनकाउंटर में मारे जाने के बाद ट्विटर पर कई ऐसे नेता और लोग हैं, जो इस पर सवाल उठा रहे हैं और इसे गलत ठहरा रह हैं. उनका कहना है कानूनी तौर पर ये एक गलत उदाहरण है. अगर ऐसा होने लगा तो इसके नतीजे घातक हो सकते हैं.
जाने माने पत्र शेखर गुप्ता ने ट्वीट करके इसका विरोध किया. उन्होंने लिखा, 'वो लोग जो माफिया स्टाइल में हैदराबाद पुलिस के न्याय पर खुशी जता रहे हैं, उन्हें इस्लामिक स्टेट के सिर कलम करने की शिकायत नहीं करनी चाहिए. ना ही तालिबान, माओवादियों द्वारा मृत्युदंड जैसी बातों को गलत बताना चाहिए. आधुनिक और सभ्य समाज जो नए युग के हिसाब से बदल रहा है, लेकिन हमें तय प्रक्रिया का धैर्य से इंतजार नहीं है. इसके शिकार हम भी हो सकते हैं
केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी ने भी इसका विरोध किया है, उन्होंने कहा, 'जो भी हुआ है, बहुत भयानक हुआ है इस देश के लिए. आप किसी भी शख्स को इसलिए मार देना चाहते हैं क्योंकि आप ऐसा चाहते हैं. आप अपने हाथों में कानून को नहीं ले सकतें. इन आरोपियों को सजा मिलनी चाहिए थी.
मेनका गांधी ने इस एनकाउंटर को कानून के खिलाफ बताया है
सीनियर एडवोकेट विकास सिंह ने द्वीट किया, 'देश में कानून का शासन चलना चाहिए, इस बारे में तुरंत जांच होनी चाहिए.'
नेशनल वूंमन कमीशन की चेयरपर्सन रेखा शर्मा कहती हैं, 'केवल पुलिस सच बोल सकती है या फिर इसकी जांच से सच्चाई सामने आएगी.'
पूर्व गृहमंत्री पी चिदंबरम ने कहा, 'इसकी जांच होनी चाहिए, अगर अपराधी भाग रहे थे तो क्या उनके पास हथियार थे.'